केन्द्र सरकार में भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) हेतु सशस्त्र सेनाओं में उनके द्वारा धारित रैंकों का लिहाज किए बिना निम्नलिखित पुनर्रोजगार अवसर उपलब्ध हैं, इसके अलावा, पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा निम्नलिखित योजनाएं चलाई जा रही हैं
सशस्त्र सेनाओं के पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अवसरों में भेदभाव- सरकार द्वारा सशस्त्र सेनाओं के पूर्व सैनिकों को स्व-रोजगार व पुनः रोजगार के लिए दिए जाने वाले विभिन्न सुविधायें
रक्षा मंत्रालय
भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग
राज्य सभा
तारांकित प्रश्न संख्या 145
01 जनवरी, 2018 को उत्तर के लिए
सशस्त्र सेनाओं के पूर्व सैनिकों के लिए
रोजगार के अवसरों में भेदभाव
*145. श्री महेन्द्र सिंह माहरा :
(क) क्या सरकार को राष्ट्रीय पूर्व सैनिक समन्वय समिति (पंजीकृत) की ओर से
अवकाश प्राप्ति के बाद सशस्त्र सेनाओं के पूर्व सैनिकों को स्व-रोजगार व पुनः
रोजगार के लिए दिए जाने वाले विभिन्न अवसरों के मामले में सशस्त्र सेनाओं में
धारित पदों के आधार पर इन पूर्व सैनिकों में भेदभाव के संबंध में कभी कोई
ज्ञापन मिला है ; और
(ख) यदि हां, तो सरकार द्वारा भारत के संविधान की भावना और उपबंधों को
संरक्षित रखने के लिए ऐसे भेदभाव को दूर करने हेतु क्या सुधारात्मक कार्रवाई
शुरू की गई है अथवा शुरू किए जाने पर विचार किया जा रहा है ?
उत्तर
रक्षा मंत्री (निर्मला सीतारमण)
(क) और (ख): एक विवरण सभापटल पर रखा जाता है ।
‘सशस्त्र सेनाओं के पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अवसरों में भेदभाव’ के
बारे में राज्य सभा में दिनांक 01 जनवरी, 2018 को उत्तर दिए जाने के लिए
तारांकित प्रश्न संख्या-145 के भाग (क) और (ख) के उत्तर में उल्लिखित विवरण
(क) और (ख): जी हां । एक ज्ञापन प्राप्त हुआ है और इसमें सशस्त्र सेनाओं में
धारित रैंक के आधार पर व्यवसायों, ट्रेडों और व्यापारों के संबंध में सरकारी
नीतियों में भेदभाव को समाप्त करने का मुद्दा भी शामिल है ।
केन्द्र सरकार में भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) हेतु सशस्त्र सेनाओं में उनके द्वारा धारित रैंकों का लिहाज किए बिना निम्नलिखित पुनर्रोजगार अवसर उपलब्ध हैं :-
- (क) केन्द्र सरकार के मंत्रालयों / विभागों में
- (i) केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों में सहायक कमाडेंट के स्तर तक 10% सीधी भर्ती पद ।
- (ii) समूह ‘ग’ में 10% सीधी भर्ती पद ।
- (iii) समूह ‘घ’ में 20% सीधी भर्ती पद ।
- (ख) केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में
- (i) समूह ‘ग’ पदों में 14.5% (निःशक्त ईएमएस/कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के आश्रितों हेतु
- (ii) समूह ‘घ’ पदों में 24.5% 4.5% सहित)
- (ग) राष्ट्रीयकृत बैंक
- (i) समूह ‘ग’ पदों में 14.5% (निःशक्त ईएमएस/कार्रवाई में मारे गए सैनिकों के आश्रितों हेतु
- (ii) समूह ‘घ’ पदों में 24.5% 4.5% सहित)
इसके अलावा, पुनर्वास महानिदेशालय द्वारा निम्नलिखित योजनाएं चलाई जा रही हैं
और निम्नलिखित सेवाएं मुहैया कराने हेतु ये योजनाएं भूतपूर्व सैनिकों (अर्थात
अफसर/जेसीओ/अन्य रैंक) की आवश्यकता पर आधारित हैं :-
- (क) बीपीसीएल / आईओसीएल कोको आउटलेटों / रीटेल पम्पों का आबंटन. उक्त विषय पर नीतिगत दिशानिर्देशों का प्रख्यापन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाता है । 2016 तक, कंपनी स्वामित्व कंपनी संचालित (कोको) रीटेल आउटलेटों के आबंटन के संबंध में उक्त दिशानिर्देशों में लेफ्टिनेंट एवं इससे ऊपर के रैंक के “सेवानिवृत्त रक्षा अफसरों” का उल्लेख था । तथापि 2017 से, तेल कंपनियों द्वारा नए दिशानिर्देश प्रख्यापित किए गए हैं जिनमें स्पष्ट उल्लेख है कि अब “सेवानिवृत्त अफसरों के साथ-साथ जेसीओ” कोको रीटेल आउटलेटों के आबंटन हेतु पात्र हैं ।
- (ख) सीएनसी स्टेशन का प्रबंधन. आईजीएल द्वारा अनुमानित आवश्यकताओं के आधार पर, डीजीआर एनसीआर में इन सीएनजी पम्पों के प्रबंधन हेतु सेना, नौसेना तथा वायुसेना के ब्रिगेडियर / समकक्ष रैंक तक के सेवानिवृत्त अफसरों के नाम आईजीएल को प्रायोजित कर रहा है । इस पैनल में से चयन प्रक्रिया आईजीएल का एकमात्र विशेषाधिकार है । इन सीएनजी पम्पों हेतु अपेक्षित अफसर पूर्ण रूप से आईजीएल का आवश्यकता पर आधारित है ।
- (ग) कोयला भारण तथा परिवहन योजना. यह योजना रक्षा मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय के मध्य समझौता ज्ञापन के साथ 1979 में अस्तित्व में आई जिस पर डीजीआर और कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा हस्ताक्षर किए गए ताकि कोयला खदानों हेतु यूनियन मुक्त कैप्टिव कोयला परिवहन बेड़ा सुनिश्चित किया जा सके । एमओयू और दिशानिर्देशों का नियमित रूप से संशोधन किया गया है और अंतिम संशोधन 2013 में किया गया था । एमओयू में निदेशकों (सेवानिवृत्त रक्षा अफसरों ), टिप्पर मालिकों (सभी भूतपूर्व सैनिक, विधवाएं, आश्रित) की पात्रता शर्तों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है ।
- (घ): एनसीआर में मदरडेयरी बूथों और फल एवं सब्जी (सफल) दुकानों का आबंटन. – ये योजनाएं विशेषकर केवल जेसीओ के रैंक तक के अफसरों के लिए उपलब्ध हैं और न कि सेवानिवृत्त रक्षा अफसरों के लिए ।
- (ड.): डीजीआर प्रायोजित सुरक्षा एजेन्सी स्कीम
- डीजीआर पैनलबद्ध ईएसएम सुरक्षा एजेन्सियों की निम्नलिखित श्रेणियां स्पान्सरशिप के लिए पात्र हैं:-
- (क) व्यक्तिविशेष ईएसएम सुरक्षा एजेंसी – ईएसएम (ओ) के लिए खुली
- (ख) राज्य सरकार स्वामित्व वाले ईएसएम कार्पोरेशन
- व्यक्तिविशेष ईएसएम सुरक्षा एजेंसी द्वारा कम से कम 90% ईएसएम और राज्य ईएसएम कॉर्पोरेशन द्वारा 100% ईएसएम नियुक्त ।
- (च): एलपीजी/रिटेल ऑउटलेट (पेट्रोल/डीजल) डिस्ट्रीब्यूटरशिप का आवंटन
रक्षा कार्मिकों और उन सैनिकों के आश्रितों जो अन्य श्रेणी के कार्मिकों के अलावा विभिन्न सैन्य संक्रियाओं में मारे गए हैं, के लिए सरकारी कार्मिक (जीपी श्रेणी) के अन्तर्गत एलपीजी एजेंसी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप तथा संयुक्त श्रेणी 1 (सीसी 1श्रेणी) के अन्तर्गत रिटेल आउटलेट्स (पेट्रोल और डीजल) डीलरशिप के लिए 8% आरक्षण का प्रावधान है ।
- (छ): सेना अधिशेष वाहनों का आबंटन – ईएसएम, विधवा और भूतपूर्व सैनिक को-ऑपरेशन सोसाइटी, सेना अधिशेष श्रेणी – V-बी वाहनों के आबंटन के लिए आवेदन करने के पात्र हैं ।
- (ज): अफसर/जेसीओ/अन्य रैंक प्रशिक्षण
सेवानिवृत्त हो रहे / सेवानिवृत्त सेना कार्मिकों के पुनर्वास के लिए आवश्यकता
का ध्यान रखने हेतु, पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर) विभिन्न प्रशिक्षण
पाठ्यक्रम संचालित करता है और उन्हें दूसरे कैरियर के लिए तैयार करता है ।
अफसरों के मामले में 60% पाठ्यक्रम फीस भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है जबकि
प्रत्येक व्यक्तिविशेष अफसर द्वारा 40% फीस का भुगतान किया जाता है । तथापि,
जेसीओ / अन्य रैंक के मामले में, सरकार द्वारा 100% पाठ्यक्रम फीस का भुगतान
किया जाता है ।
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GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF DEFENCE
RAJYA SABHA
QUESTION NO 145
ANSWERED ON 01.01.2018
Discrimination in employment opportunities for Armed Forces Veterans
145 Shri Mahendra Singh Mahra
Will the Minister of DEFENCE be pleased to state :-
(a) whether Government has ever received memoranda on discrimination amongst the Armed Forces Veterans on the basis of ranks held in Armed Forces for various opportunities extended for their self-employment and re-employment provided to them after retirement, from National Ex-servicemen Co-ordination Committee (Regd.); and
(b) if so, what remedial action has been initiated or is being contemplated for removal of such discrimination by Government to save the spirit and provisions of the Constitution of India?
ANSWER
MINISTER OF DEFENCE
SHRIMATI NIRMALA SITHARAMAN
(a) & (b): A Statement is laid on the Table of the House.
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